Last modified on 25 अप्रैल 2011, at 16:01

बम भोला चले कैलास बुंदियाँ परं लगी / कन्नौजी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बम भोला चले कैलास बुंदियाँ परन लगीं
शिवशंकर चले कैलास बुंदियाँ परन लगीं

गौरा ने बोइ दई हरी हरी मेंहदी
बम भोला ने बोइ दई भाँग
बुंदियाँ परन लगीं

गौरा ने पीसि लई हरी हरी मेंहदी
शिवशंकर ने घोटि लई भाँग
बुंदियाँ परन लगीं

गौरा की रचि गई हरी हरी मेंहदी
बम भोला कों चढ़ि गई भाँग
बुंदियाँ परन लगीं