Changes

नयन हँसे / कविता भट्ट

255 bytes added, 21:05, 16 अगस्त 2019
दिया जीवन -दान
'''करूँ अमृतपान।'''
2
अहो! कर्त्तव्य !
विराग में खड़ा है-
मूक ,जड़,बधिर,
मद में चूर
'''अधिकार- मुस्काए'''
सिंहासन विराजे।
<poem>