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एक मोहरा खेल का क्या ले गया / हस्तीमल 'हस्ती'
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12:09, 18 जून 2020
सारे तूफां देखते ही रह गए
ख़ुश्बुओं
ख़ुशबुओं
का लुत्फ़ झोंका ले गया
</poem>
Abhishek Amber
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