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होने तक / मनोज श्रीवास्तव
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08:33, 16 सितम्बर 2010
डाक्टरों के हड़ताल से लौटने तक
यह अधमरा रोगी अपनी सांसें थामे रह सकता है,
कई चेहरों पर से मुखौटा
हटाने
हटने
तकयह चेहरा असली
बना
रह सकता है,
कई लाशों के चितासीन होने तक
यह लाश अपनी बारी की प्रतीक्षा कर सकता है,
Dr. Manoj Srivastav
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