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एक था तोता, मिटठू राजामम्मी पापा लेकर आये,बजा रहा है मुख से बाजा।रंग-बिरंगी मोटरगाड़ी।पिंजरे में है प्यारा झूला,छोटे-छोटे पहियों वालीकितनी प्यारी मोटरगाड़ी। खुशियों से खुश होता विहान है कितना फूला। टाँय टू, टाँय टू, गाना गाता,उसका सुर है बहुत सुहाता।पाकर अपनी मोटरगाड़ी।घर वालों का बहुत चहेतापहिये उसके खूब घुमाता,राम-राम ये सबको कहता।खुल गया जब दरवाजा,मिटठू राजा बाहर आया,गाड़ी आँगन में टहलाता।आसमान लाल रंग की है विहान की ओर निहारा,फिर निज पंखो को फैलाया।उसको नीला नभ था भाया।।इतने में आया इक बच्चा,मन का था जो सीधाप्यारी-सच्चा।उसने मिट्ठू को ललचाया,तोता भी लालच में आयापिंजड़े में फिर बन्द कर दिया।अब तोता मन में पछताया।।प्यारी मोटरगाड़ी।
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