Last modified on 1 अक्टूबर 2010, at 16:08

सपना झरना नींद का / निदा फ़ाज़ली

Hemendrakumarrai (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:08, 1 अक्टूबर 2010 का अवतरण

सपना झरना नींद का, जागी आँखें प्यास
पाना, खोना, खोजना, साँसों का इतिहास

नदिया सींचे खेत को, तोता कुतरे आम
सूरज ठेकेदार सा, सबको बाँटे काम

अच्छी संगत बैठकर, संगी बदले रूप
जैसे मिलकर आम से, मीठी हो गई धूप

बरखा सबको दान दे, जिसकी जितनी प्यास
मोती-सी ये सीप में, माटी में ये घास