हमसे तन्हाई के मारे नहीं देखे जाते
बिन तेरे चाँद-सितारे नहीं देखे जाते
हारना दिन का है मंज़ूर मगर जाने-अज़ीज़
हमसे गेसू<ref>केश</ref> तेरे हारे नहीं देखे जाते
जिनकी आहट से बँधी थी मेरे दिल की धड़कन
उन निगाहों के इशारे नहीं देखे जाते
माहे-कामिल<ref>पूरा चाँद</ref> भी जिसे देख के सजदे में गिरे<ref>सम्मान में झुके</ref>
आँख में उसकी सितारे<ref>चमकते हुए आँसू
</ref नहीं देखे जाते
शब्दार्थ
<references/>