Last modified on 14 जुलाई 2015, at 17:37

हरियर पट केरा जाजिम झारी बिछावहु हे / मगही

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:37, 14 जुलाई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मगही |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatMagahiR...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हरियर पट<ref>हरे वस्त्र</ref> केरा<ref>का</ref> जाजिम झारी बिछावहु हे।
आयल कुल-परिवार, हरदी चढ़ावहु हे॥1॥
हरदी चढ़ावथी<ref>चढ़ाते हैं</ref> दुलरइता दादा, सँघे<ref>साथ में</ref> दुलरइतो दादी हे।
ताहि पाछे<ref>पश्चात</ref> कुल परिवार, से हरदी चढ़ावथी हे॥2॥

शब्दार्थ
<references/>