Last modified on 26 मई 2017, at 17:35

होली / सरवन बख्तावर

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:35, 26 मई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरवन परोही |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatSur...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

होली के दिन आवत है बबुवा,
गावो बसन्ती गीत!
गाँव-गाँव में होलिका गड़ गैल,
होई प्रह्लाद के भक्ति के जीत!!!!
अरे मन मीत, काहे बातो इतना धीट?
प्रेम-प्यार में बाँधो सबको,
येही है प्रीत के रीत।