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382 / हीर / वारिस शाह

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बुरियां खौफ फकीर दे नाल पाइयां अठखेल बुरयार उटकिया ने
रातब खायके बीचरन<ref>हिनहिनाना</ref> विच तिले मारन लत अराकियां<ref>इराकी घोड़े, जो बहुत उम्दा माने जाते हैं।</ref> बकियां न
इक भौंकदी दूसरी करे टिचकरां एह ननाण भाबी दोवे सकियां ने
एथे कई फकीर जहीर<ref>परेशान</ref> होए खैर देंदियां देंदियां अकियां ने
जिन्हां डबियां पायके सिरी चाइयां रन्नां तिन्हां दियां उसकियां ने
नाले ढिड खुरकन नाले दुध रिड़कन अते चाटियां कीतीयां लकियां ने
झाटा खुरकदियां खंघदियां नक सुनकन मारन वाउके<ref>गंदी हवा का निकलना</ref> चाढ़के नकियां ने
लोड़ हई जे चगियां होवने दी वारस शाह तों लओ दो फकियां ने

शब्दार्थ
<references/>