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झूले झेले झूले, मुंहिंजो झूले लाल / लीला मामताणी

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झूले झेले झूले, मंुहिंजो झूले लाल।
ॿेड़ा कन्दो अची सभ जा पार॥

1.
झूले लाल खे जेके जपींदा।
कम सभु तंहिंजा रास थी वेन्दा।
अहिड़ो ई आहे मुंहिंजो लालु रखपाल।
ॿेड़ा कन्दो अची सभ जा पार॥

2.
लाल जा पंजड़ा जेको ॻाए।
ॾुधु-पुटु लछिमी सो ई पाए।
लहरुनि वारो मुंहिंजो दीन दयालु।
ॿेड़ा कन्दो अची सभ जा पार॥

3.
झूलण जा मेला हर हंधि लॻनि था।
बहराणा चालीहे जा सभ हंघि खॼनि था।
छेॼियुनि वारो मुंहिंजो छॻेरो लालु।
ॿेड़ा कन्दो अची सभ जा पार॥

4.
जेको भी हुन दर ते ईन्दो।
मन मुरादूं पाए सो वेन्दो।
कन्दो सभिनि खे माला माल।
ॿेड़ा कन्दो अची सभ जा पार॥