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श्री यमुना जस जगत में जोइ गावे / गोविन्ददास

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श्री यमुना जस जगत में जोइ गावे।
ताके अधीन ह्वै रहत हे प्राणपति नैन अरु बेन में रस जु छावे॥१॥

वेद पुराण की बात यह अगम हे, प्रेम को भेद कोऊ न पावे।
कहत गोविन्द श्री यमुने की जापर कृपा, सोइ श्री वल्लभ कुल शरण आवे॥२॥