मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सभहक दुख अहाँ हरै छी भोला, हमरा किए बिसरै छी यो
हमहूँ सेवक अहीं के भोला, कोनो विधि निमहै छी यो
कपारो फूटल, बेमायो फाटल, किन्तु हम चलै छी यो
द्वारे ठाढ़ अहांके हमहूँ, पापी जानि टारै छी यो
सेवक अहाँक पुकारि रहल अछिद्व झाड़खण्ड बैसल छी यो
आबो कृपा करू प्रभु हमरा पर, दुखिया देखि भुलै छी यो
त्रिभुवन नाथ दिगम्बर भोला, सभटा अहाँ जनै छी यो