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बस नज़र का तेरी अंदाज़ बदल जाता है / गुलाब खंडेलवाल
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23:05, 3 जुलाई 2011
कौन होता है बुरे वक़्त में साथी किसका!
आइना भी ये
दगाबाज़
दग़ाबाज़
बदल जाता है
लीजिए ज़ब्त किया हमने, मगर मुँह का रंग
Vibhajhalani
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