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कवि का घर / मोनिका कुमार / ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त
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07:48, 20 नवम्बर 2016
बिस्तर करीने से सजा है।
पर यहाँ कोई एक रात भी नहीं बसर करता।
उसकी अलमारी, बिस्तर और कुर्सी के बीच -
उसकी अनुपस्थिति का
उसके पैने हाथों के आकार जैसा सफ़ेद रेखाचित्र है।
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : मोनिका कुमार'''
</poem>
अनिल जनविजय
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