भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हलोर / कुमार वीरेन्द्र

1 byte removed, 11:18, 2 मार्च 2018
{{KKCatKavita}}
<poem>
जब मैं उससे
कहता, घोड़े पर चढ़ना है, तो
पीठ पर बैठा लेती, जब कहता, देखो तुम गाय हो न, मैं
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits