भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विजयाराजमल्लिका |अनुवादक=सन्तोष...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विजयाराजमल्लिका
|अनुवादक=सन्तोष कुमार
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
बेटा बेटी भी हो सकता है
और बेटी बेटा भी,
ओ अम्मां !
स्वीकारो अपनी सन्तान को
उन्हें वैसे ही, जैसे वे हैं
तुम बिन
कौन हिम्मत करेगा
तुम सा निर्दोष, निष्कलंक, सिद्ध …
और परिपूर्ण, इस जगत में
और कौन है भला !
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : सन्तोष कुमार'''
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=विजयाराजमल्लिका
|अनुवादक=सन्तोष कुमार
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
बेटा बेटी भी हो सकता है
और बेटी बेटा भी,
ओ अम्मां !
स्वीकारो अपनी सन्तान को
उन्हें वैसे ही, जैसे वे हैं
तुम बिन
कौन हिम्मत करेगा
तुम सा निर्दोष, निष्कलंक, सिद्ध …
और परिपूर्ण, इस जगत में
और कौन है भला !
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : सन्तोष कुमार'''
</poem>