भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अवधी-गीत / रमाशंकर यादव 'विद्रोही'
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:23, 24 मार्च 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमाशंकर यादव 'विद्रोही' |अनुवादक= |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
जनी जनिहा मनइया जगीर मांगात
ई कलिजुगहा मजूर पूरी शीर मांगात
बीड़ी-पान मांगात
सिगरेट मांगात
कॉफी-चाय मांगात
कप-प्लेट मांगात
नमकीन मांगात
आमलेट मांगात
कि पसिनवा के बाबू आपन रेट मांगात।

