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वाह वाह ड़े झूलण तुंहिंजा रंग / लीला मामताणी

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वाह वाह ड़े झूलण तुंहिंजा रंग
पैदा कयइ किथे झूलण जा प्यारा
किथे राजा किथे रंक-वाह वाह डे़ झूलण

राजा महाराजा तुंहिंजा पू/जारी तोखे रोजु़ ध्याईनि
जोतियूं जॻाए, पंजड़ा ॻाए-प्यार सां पलव पाइनि
झूलेलाल जा नारा लॻाइनि-रखु तू हुननि जा नंग
वाह वाह ड़े झूलण तुंहिंजा रंग

प्यार सां तुंहिंजे दर ते झूलण
खू़ब था चौंकियूं लॻाइनि
तुंहिंजे नाम जे रस जी प्याली, घर घर था पहुचाइनि
अमरलाल जी धुनी लॻाए, प्यार सां कनि संतसंग।
वाह वाह ड़े झूलण तुंहिंजा रंग

झूलण तुंहिंजे दर ते जेके आस रखी जे आया
मन मुरादूं पूरियूं करीं थो, कया तो लाया सजाया
मस्तीअ में झूमनि-ॻाइनि-तुहिंजा दास मलंग
वाह वाह ड़े झूलण तुंहिंजा रंग