भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पाँच हाइकु / मदन डागा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मदन डागा |संग्रह=यह कैसा मजाक है / मदन डागा }} '''1. देश में ...)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:37, 11 जुलाई 2007 के समय का अवतरण


1.


देश में कोढ़

लो गांधीनामी ओढ़

जीना चाहो तो ।


2.


मरा करते

लड़की, धरती पै

सिर्फ़ जवान ।


3.


वचन दिया

मगर न आ सकी

मौत आ गई ।


4.


रिश्ता कोई

रास्ता नहीं होता

कि नाम हो ही ।


5.


मेरा तुमसे

कोई रिश्ता नहीं

अपनत्व है ।