भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जिन्दगाणी सूखै ताळ जिंयां / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आ सदी मिजळी मरै /...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
05:19, 15 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण
जिन्दगाणी सूखै ताळ जिंयां
का उळझ्योड़ै सवाल जिंयां
धांसै अर थूकै खून लोग
हुवै सांस और हलाल किंयां
धोरां बिच्चै पड़्या सूखां
मर्यै डांगर री खाल जिंयां
अदीठ हाथां सूं रोस गळो
पूछण आया थे हाल किंयां
तीसूं दिनां री लड़ाई में
आ एक तारीख ढाल जिंयां

