"टेडी बियर में बचे हुए भालू / ज्ञानेन्द्रपति" के अवतरणों में अंतर
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बच्चियाँ जब | बच्चियाँ जब | ||
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अपने टेडी बियर को छाती से चिपकाये | अपने टेडी बियर को छाती से चिपकाये | ||
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दुलार रही होंगी | दुलार रही होंगी | ||
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छीज रहे भारतीय जंगलों में | छीज रहे भारतीय जंगलों में | ||
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और खोजी दलों और अनुसन्धान-स्टेशनों के | और खोजी दलों और अनुसन्धान-स्टेशनों के | ||
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कचरालय बने जा रहे ध्रुवीय प्रदेशों में | कचरालय बने जा रहे ध्रुवीय प्रदेशों में | ||
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बेमौत मारे जा रहे होंगे भालू | बेमौत मारे जा रहे होंगे भालू | ||
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काले भालू और भूरे भालू | काले भालू और भूरे भालू | ||
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बग़ैर किसी रंग-भेद के | बग़ैर किसी रंग-भेद के | ||
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कौन मार रहा होगा उन्हें | कौन मार रहा होगा उन्हें | ||
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अपने टेडी बियर को छाती से लगाये | अपने टेडी बियर को छाती से लगाये | ||
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सो जानेवाली बच्चियाँ | सो जानेवाली बच्चियाँ | ||
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क्या कभी सपने में भी जान सकेंगी इसे | क्या कभी सपने में भी जान सकेंगी इसे | ||
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निहायत मुलायमियत से उनके आलिंगन से | निहायत मुलायमियत से उनके आलिंगन से | ||
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छुल्लक भल्लूक को हटा उन्हें रज़ाई उढ़ानेवाले पापा | छुल्लक भल्लूक को हटा उन्हें रज़ाई उढ़ानेवाले पापा | ||
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आज ही कहा था जिन्होंने-बेटे , पुराना पड़ गया है यह | आज ही कहा था जिन्होंने-बेटे , पुराना पड़ गया है यह | ||
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कल ही बाज़ार से ला देंगे तुम्हारे लिए | कल ही बाज़ार से ला देंगे तुम्हारे लिए | ||
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एक नया टेडी बियर | एक नया टेडी बियर | ||
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प्यारा-सा टेडी बियर - | प्यारा-सा टेडी बियर - | ||
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वही पापा | वही पापा | ||
| − | |||
मदारियों से मुक्त करा | मदारियों से मुक्त करा | ||
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भालुओं को बरास्ते चिड़ियाख़ाना वापस जंगल | भालुओं को बरास्ते चिड़ियाख़ाना वापस जंगल | ||
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भिजानेवाले मोह से भरे उनके पापा | भिजानेवाले मोह से भरे उनके पापा | ||
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शामिल हैं | शामिल हैं | ||
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उनके और अपने भी अनजाने | उनके और अपने भी अनजाने | ||
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भालुओं के हत्यारों में | भालुओं के हत्यारों में | ||
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और बेहतर कि इसे कभी न जानें जंगली मधुमक्खियाँ | और बेहतर कि इसे कभी न जानें जंगली मधुमक्खियाँ | ||
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कि शहदखोर शहदचोर भालुओं के लिए विलाप-नृत्य करती हुई | कि शहदखोर शहदचोर भालुओं के लिए विलाप-नृत्य करती हुई | ||
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भँभोड़ डालें बस्तियों पर बस्तियाँ | भँभोड़ डालें बस्तियों पर बस्तियाँ | ||
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आत्मघाती अभियानों में | आत्मघाती अभियानों में | ||
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नहीं , नहीं जान सकेंगी बच्चियाँ इसे | नहीं , नहीं जान सकेंगी बच्चियाँ इसे | ||
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और न जान पायेंगे उनके प्यारे पापा | और न जान पायेंगे उनके प्यारे पापा | ||
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और पीढ़ी-दर-पीढ़ी | और पीढ़ी-दर-पीढ़ी | ||
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जंगली प्रदेशों से और बर्फ़ानी प्रदेशों से अन्तत: मिट गये भालू | जंगली प्रदेशों से और बर्फ़ानी प्रदेशों से अन्तत: मिट गये भालू | ||
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टेडी बियर बनकर दुकानों के शो केसों में बैठे रहेंगे अतीतातीत | टेडी बियर बनकर दुकानों के शो केसों में बैठे रहेंगे अतीतातीत | ||
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वत्सल पिताओं की प्रतीक्षा में | वत्सल पिताओं की प्रतीक्षा में | ||
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मोहित बच्चियों की ममतालु बाँहों के बीच होगी उनकी अन्तिम शरणस्थली | मोहित बच्चियों की ममतालु बाँहों के बीच होगी उनकी अन्तिम शरणस्थली | ||
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उनकी आत्मा को मिलेगा अभयारण्य | उनकी आत्मा को मिलेगा अभयारण्य | ||
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जहाँ माँ चिड़िया की तरह देह ही नहीं मन-प्राण की उष्मा से | जहाँ माँ चिड़िया की तरह देह ही नहीं मन-प्राण की उष्मा से | ||
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सेयेंगे वे | सेयेंगे वे | ||
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वक्षांकुर | वक्षांकुर | ||
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भविष्योन्मुख । | भविष्योन्मुख । | ||
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12:39, 12 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण
बच्चियाँ जब
अपने टेडी बियर को छाती से चिपकाये
दुलार रही होंगी
छीज रहे भारतीय जंगलों में
और खोजी दलों और अनुसन्धान-स्टेशनों के
कचरालय बने जा रहे ध्रुवीय प्रदेशों में
बेमौत मारे जा रहे होंगे भालू
काले भालू और भूरे भालू
बग़ैर किसी रंग-भेद के
कौन मार रहा होगा उन्हें
अपने टेडी बियर को छाती से लगाये
सो जानेवाली बच्चियाँ
क्या कभी सपने में भी जान सकेंगी इसे
निहायत मुलायमियत से उनके आलिंगन से
छुल्लक भल्लूक को हटा उन्हें रज़ाई उढ़ानेवाले पापा
आज ही कहा था जिन्होंने-बेटे , पुराना पड़ गया है यह
कल ही बाज़ार से ला देंगे तुम्हारे लिए
एक नया टेडी बियर
प्यारा-सा टेडी बियर -
वही पापा
मदारियों से मुक्त करा
भालुओं को बरास्ते चिड़ियाख़ाना वापस जंगल
भिजानेवाले मोह से भरे उनके पापा
शामिल हैं
उनके और अपने भी अनजाने
भालुओं के हत्यारों में
और बेहतर कि इसे कभी न जानें जंगली मधुमक्खियाँ
कि शहदखोर शहदचोर भालुओं के लिए विलाप-नृत्य करती हुई
भँभोड़ डालें बस्तियों पर बस्तियाँ
आत्मघाती अभियानों में
नहीं , नहीं जान सकेंगी बच्चियाँ इसे
और न जान पायेंगे उनके प्यारे पापा
और पीढ़ी-दर-पीढ़ी
जंगली प्रदेशों से और बर्फ़ानी प्रदेशों से अन्तत: मिट गये भालू
टेडी बियर बनकर दुकानों के शो केसों में बैठे रहेंगे अतीतातीत
वत्सल पिताओं की प्रतीक्षा में
मोहित बच्चियों की ममतालु बाँहों के बीच होगी उनकी अन्तिम शरणस्थली
उनकी आत्मा को मिलेगा अभयारण्य
जहाँ माँ चिड़िया की तरह देह ही नहीं मन-प्राण की उष्मा से
सेयेंगे वे
वक्षांकुर
भविष्योन्मुख ।

