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{{KKRachna
|रचनाकार=अज्ञेय
|संग्रह=आँगन के पार द्वार / अज्ञेय; सुनहरे शैवाल / अज्ञेय
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::या कि अपने को उतना वैसा
::हमीं ने दुबारा फिर नहीं दिया ?
'''ढाकुरिया झील, कलकत्ता (मोटर में जाते हुए), 29 नवम्बर, 1959'''
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