भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बंद मुट्ठी में / संगीता गुप्ता" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संगीता गुप्ता |संग्रह=समुद्र से ल...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

16:32, 12 सितम्बर 2012 के समय का अवतरण



छूट गया पीछे जो
उसमें क्या अपना था
बस
खोती रही खुद को
बहुत सोचती
डरी, सहमी
खोलती
बंद मुट्ठी अपनी
देखने बची थाती

शून्य है वहां भी
कहां कुछ बचा