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| + | भरा रहा शहर | ||
| + | रौशनी से हमारा | ||
| + | मन में पर छिपा रहा | ||
| + | पूरा अंधियारा | ||
| + | जिसने अंधियारे का साफ़ किया डेरा | ||
| + | जिसने उजियारे का रंग वहां फेरा | ||
| + | एक दीप मेरा | ||
| + | सड़कों पर भीड़ बहुत | ||
| + | सूना गलियारा | ||
| + | अंजुरी भर पंचामृत | ||
| + | बाकी जल खारा | ||
| + | सप्त सुर तीन ग्राम | ||
| + | अपना इकतारा | ||
| + | छोटे से मंदिर का | ||
| + | ज्योतित चौबारा | ||
| − | + | जिसने कल्याण तीव्र मध्यम में टेरा | |
| − | + | जिससे इन साँसों पर चैन का बसेरा | |
| − | + | एक दीप मेरा | |
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12:45, 27 जून 2014 के समय का अवतरण
दुनिया के मेले में
एक दीप मेरा
ढेर से धुँधलके में
ढूँढ़ता सवेरा
वंदन अभिनंदन में
खोया उजियारा
उत्सव के मंडप में
आभिजात्य सारा
भरा रहा शहर
रौशनी से हमारा
मन में पर छिपा रहा
पूरा अंधियारा
जिसने अंधियारे का साफ़ किया डेरा
जिसने उजियारे का रंग वहां फेरा
एक दीप मेरा
सड़कों पर भीड़ बहुत
सूना गलियारा
अंजुरी भर पंचामृत
बाकी जल खारा
सप्त सुर तीन ग्राम
अपना इकतारा
छोटे से मंदिर का
ज्योतित चौबारा
जिसने कल्याण तीव्र मध्यम में टेरा
जिससे इन साँसों पर चैन का बसेरा
एक दीप मेरा

