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"पैरों के आसपास / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

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22:42, 26 दिसम्बर 2007 के समय का अवतरण

मन अब जो मांगता है

यदि वह नहीं होता

तो उदास होता है


जो मिलने का नहीं

अगर वही मांगा

तो मांगने वाले ने

चेत अधर में टांगा

आसरे आसरे

जी हताश होता है ।


इन्द्रधनुष कितने

इच्छाओं के

बन बन कर मिटते हैं

साँवली घटाओं के ।

कीचड़ ही पैरों के

आसपास होता है ।