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"कैलू के करनी / अमरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

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खैवे पर ध्यान दै
के हेकरा ज्ञान दै
आवै छै घुप सना
बानर ज्यों हुप सना
लुचकै छै लुप सना
पकड़ै छै चुट सना
टूटी जाय पुट सना
घर घुसकै सुट सना
कैलू के करनी
माय भरै भरनी ।