भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पछुताउ / केदारमान व्यथित" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारमान व्यथित |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:21, 20 जुलाई 2017 के समय का अवतरण



माझीहरुले मतो गर्दा-गर्दै नै
बाढीको
पानीले त नौओटै गाउँ पो
डुबाएछ !