भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"जीवन साथी / रंजना सिंह ‘अंगवाणी बीहट’" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना सिंह 'अंगवाणी बीहट' |अनुवाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:33, 25 दिसम्बर 2019 के समय का अवतरण
सावन मास, दिल में आस।
साजन पास, सजनी खास।
आयी रैन, मीठा नेह।
खोई चैन, दिल में गेह।।
बालम प्यार, होता खास।
जीवन सार, जब दो पास।।
पी के संग ,सजना गाँव।
सिहरत अंग, बरगद छाँव।
पकड़े हाथ, खींचे डोर।
झूमें साथ, प्रेमक भोर।।
आँखें लाल, बीती रात ,
करते बात, चमका भाल।।
सजना प्रीत, जीवन रीत।
मन का मीत, गायें गीत।।
सच्चा साथ , देता मीत।
साजन साथ, जीवन प्रीत।।

