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"गायक से / गोपीकृष्ण 'गोपेश'" के अवतरणों में अंतर

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04:05, 17 मई 2020 के समय का अवतरण

गायक, तू गाता जाता है !

तेरे स्वर-स्वर में पीड़ा है,
तेरे नयनों में है पानी,
दिल में कोई आग पुरानी,
बतला गायक — तू गाता या
आग-लगी को सुलगाता है !
गायक, तू गाता जाता है !!

बादल आए, बादल छाए,
बादल तड़पे, बादल बरसे,
छूट गया मेरा दिल कर से,
मेरा मानव मेरे सम्मुख ही —
गिरता, ठोकर खाता है !
गायक, तू गाता जाता है !!

मेरी पीड़ा तेरी पीड़ा
में है केवल इतना अन्तर —
तेरे आंसू है वीणा पर,
मेरा रोदन पत्थर बनकर
पत्थर ही से टकराता है !
गायक, तू गाता जाता है !!