भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
| (एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
| पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKParichay | {{KKParichay | ||
| − | |चित्र= | + | |चित्र=Shamsurrahman-farooqui-kavitakosh.jpg |
|नाम=शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी | |नाम=शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी | ||
|उपनाम= | |उपनाम= | ||
| पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
|विविध= | |विविध= | ||
|सम्पर्क= | |सम्पर्क= | ||
| − | |अंग्रेज़ीनाम= | + | |अंग्रेज़ीनाम=Shamsurrahman Farooqui |
|जीवनी=[[शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी / परिचय]] | |जीवनी=[[शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी / परिचय]] | ||
}} | }} | ||
{{KKShayar}} | {{KKShayar}} | ||
| + | ====ग़ज़्लें==== | ||
* [[अब मुझ से ये रात तय न होगी / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | * [[अब मुझ से ये रात तय न होगी / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | ||
* [[जो उतरा फिर न उभरा कह रहा है / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | * [[जो उतरा फिर न उभरा कह रहा है / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | ||
| पंक्ति 19: | पंक्ति 20: | ||
* [[मसल कर फेंक दूँ आँखें तो कुछ तनवीर हो पैदा / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | * [[मसल कर फेंक दूँ आँखें तो कुछ तनवीर हो पैदा / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | ||
* [[शोर-ए-तूफ़ान-ए-हवा है बे-अमाँ सुनते रहो / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | * [[शोर-ए-तूफ़ान-ए-हवा है बे-अमाँ सुनते रहो / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | ||
| + | ====नज़्में==== | ||
| + | * [[आख़िरी तमाशाई / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | ||
| + | * [[बयान सफाई / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | ||
| + | * [[रात शहर और उस के बच्चे / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | ||
| + | * [[शोर थमने के बाद / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | ||
| + | * [[सब्ज़ सुरज की किरन / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | ||
| + | * [[अंधेरी शब से ला-हासिल / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी]] | ||
23:42, 11 जनवरी 2021 के समय का अवतरण
शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी

| जन्म | 1936 |
|---|---|
| जन्म स्थान | आजमगढ, भारत |
| कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
| विविध | |
| जीवन परिचय | |
| शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी / परिचय | |
ग़ज़्लें
- अब मुझ से ये रात तय न होगी / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी
- जो उतरा फिर न उभरा कह रहा है / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी
- महफ़िल का नूर मरजा-ए-अग़्यार कौन है / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी
- मसल कर फेंक दूँ आँखें तो कुछ तनवीर हो पैदा / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी
- शोर-ए-तूफ़ान-ए-हवा है बे-अमाँ सुनते रहो / शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी

