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"लोरियों तक सभी है शहज़ादे / विजय वाते" के अवतरणों में अंतर
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10:02, 19 जून 2010 के समय का अवतरण
लोरियों तक सभी है शहज़ादे
अय खुदा लोरियाँ ही बरसा दे
एक तारा उगा जो शाम ढले
उसको सौ सूरजों की उर्जा दे
दरमियाँ बर्फ का समंदर है
आ समंदर में धूप बिखरा दे
हर तरफ़ आग-सी बरसती है
ये दुआ है कि पौधा छाया दे
तूने क्या सोच के कहा है "विजय"
बात इतनी सी और समझा दे

