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"तो / लीलाधर जगूड़ी" के अवतरणों में अंतर
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03:17, 8 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
जब उसने कहा
कि अब सोना नहीं मिलेगा
तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ा
पर अगर वह कहता
कि अब नमक नहीं मिलेगा
तो शायद मैं रो पड़ता ।

