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"फसल / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर
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एक के नहीं, | एक के नहीं, | ||
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ढेर सारी नदियों के पानी का जादू: | ढेर सारी नदियों के पानी का जादू: | ||
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एक के नहीं, | एक के नहीं, | ||
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दो के नहीं, | दो के नहीं, | ||
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लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा: | लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा: | ||
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एक के नहीं, | एक के नहीं, | ||
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दो के नहीं, | दो के नहीं, | ||
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हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण धर्म: | हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण धर्म: | ||
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फसल क्या है? | फसल क्या है? | ||
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और तो कुछ नहीं है वह | और तो कुछ नहीं है वह | ||
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नदियों के पानी का जादू है वह | नदियों के पानी का जादू है वह | ||
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हाथों के स्पर्श की महिमा है | हाथों के स्पर्श की महिमा है | ||
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भूरी-काली-संदली मिट्टी का गुण धर्म है | भूरी-काली-संदली मिट्टी का गुण धर्म है | ||
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रूपांतर है सूरज की किरणों का | रूपांतर है सूरज की किरणों का | ||
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सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का! | सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का! | ||
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12:11, 25 अक्टूबर 2009 का अवतरण
एक के नहीं,
दो के नहीं,
ढेर सारी नदियों के पानी का जादू:
एक के नहीं,
दो के नहीं,
लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा:
एक के नहीं,
दो के नहीं,
हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण धर्म:
फसल क्या है?
और तो कुछ नहीं है वह
नदियों के पानी का जादू है वह
हाथों के स्पर्श की महिमा है
भूरी-काली-संदली मिट्टी का गुण धर्म है
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का!

