भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आना / केदारनाथ सिंह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} रचनाकार: केदारनाथ सिंह Category:कविताएँ Category:केदारनाथ सिंह ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~...) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
| पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
| − | रचनाकार | + | {{KKRachna |
| + | |रचनाकार=केदारनाथ सिंह | ||
| + | |संग्रह=अकाल में सारस / केदारनाथ सिंह | ||
| + | }} | ||
[[Category:कविताएँ]] | [[Category:कविताएँ]] | ||
| − | + | <Poem> | |
| − | + | ||
| − | + | ||
| − | + | ||
| − | + | ||
आना | आना | ||
| − | |||
जब समय मिले | जब समय मिले | ||
| − | |||
जब समय न मिले | जब समय न मिले | ||
| − | |||
तब भी आना | तब भी आना | ||
| − | |||
आना | आना | ||
| − | |||
जैसे हाथों में | जैसे हाथों में | ||
| − | |||
आता है जांगर | आता है जांगर | ||
| − | |||
जैसे धमनियों में | जैसे धमनियों में | ||
| − | |||
आता है रक्त | आता है रक्त | ||
| − | |||
जैसे चूल्हों में | जैसे चूल्हों में | ||
| − | + | धीरे-धीरे आती है आँच | |
| − | धीरे-धीरे आती है | + | |
| − | + | ||
आना | आना | ||
| − | |||
आना जैसे बारिश के बाद | आना जैसे बारिश के बाद | ||
| − | |||
बबूल में आ जाते हैं | बबूल में आ जाते हैं | ||
| − | + | नए-नए काँटे | |
| − | नए-नए | + | |
| − | + | ||
दिनों को | दिनों को | ||
| − | |||
चीरते-फाड़ते | चीरते-फाड़ते | ||
| − | + | और वादों की धज्जियाँ उड़ाते हुए | |
| − | और वादों की | + | |
| − | + | ||
आना | आना | ||
| − | |||
आना जैसे मंगल के बाद | आना जैसे मंगल के बाद | ||
| − | |||
चला आता है बुध | चला आता है बुध | ||
| − | |||
आना | आना | ||
| − | + | </poem> | |
| − | + | ||
| − | + | ||
11:52, 19 जनवरी 2009 का अवतरण
आना
जब समय मिले
जब समय न मिले
तब भी आना
आना
जैसे हाथों में
आता है जांगर
जैसे धमनियों में
आता है रक्त
जैसे चूल्हों में
धीरे-धीरे आती है आँच
आना
आना जैसे बारिश के बाद
बबूल में आ जाते हैं
नए-नए काँटे
दिनों को
चीरते-फाड़ते
और वादों की धज्जियाँ उड़ाते हुए
आना
आना जैसे मंगल के बाद
चला आता है बुध
आना

