भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बातों दी सरकार (पंजाबी) / हबीब जालिब" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार = हबीब जालिब }} {{KKCatNazm}} <poem> डाकुआँ दा जे साथ न दिंदा पि…)
 
(कोई अंतर नहीं)

22:20, 14 मार्च 2011 के समय का अवतरण

डाकुआँ दा जे साथ न दिंदा पिंड दा पहरेदार
अज पैरें ज़ंजीर ना हुंद जित ना हुंदी हार
पग्गन अपने गल विच पा लो तुरो पेट दे भार
छड जाए ते मुश्किल लेहंदी बातों दी सरकार ।