भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अंधेरे में देखना / प्रताप सहगल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रताप सहगल }} {{KKPustak |चित्र=Andhere-mein-dekhna-prat...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
||
| पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
}} | }} | ||
{{KKPustak | {{KKPustak | ||
| − | |चित्र=Andhere-mein-dekhna-pratap-sehgal. | + | |चित्र=Andhere-mein-dekhna-pratap-sehgal.jpg |
|नाम=अंधेरे में देखना | |नाम=अंधेरे में देखना | ||
|रचनाकार=[[प्रताप सहगल]] | |रचनाकार=[[प्रताप सहगल]] | ||
18:18, 13 अक्टूबर 2013 का अवतरण
अंधेरे में देखना

| रचनाकार | प्रताप सहगल |
|---|---|
| प्रकाशक | अभिरुचि प्रकाशन, विश्वासनगर, शाहदरा, दिल्ली-110032 |
| वर्ष | 1994 |
| भाषा | हिन्दी |
| विषय | |
| विधा | कविता |
| पृष्ठ | 94 |
| ISBN | |
| विविध | कवि का चौथा कविता संग्रह |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

