भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"घुळ्गांठ / कमल रंगा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कमल रंगा |संग्रह= }} {{KKCatMoolRajasthani}} {{KKCatKavita}}<poem>घुळ्गांठ …) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
| पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह= | |संग्रह= | ||
}} | }} | ||
| − | {{ | + | {{KKCatRajasthaniRachna}} |
| − | {{KKCatKavita}}<poem>घुळ्गांठ | + | {{KKCatKavita}} |
| + | <poem> | ||
| + | घुळ्गांठ | ||
नीं खुली | नीं खुली | ||
थारै झाझै जतनां | थारै झाझै जतनां | ||
14:38, 15 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
घुळ्गांठ
नीं खुली
थारै झाझै जतनां
उळ्झ्योड़ी
प्रीत री घुळ्गांठ
जाणै
जड़-चेतन री ग्रंथी
रची
स्रिस्टी रै सरुपोत में
आपां दोवूं मिळ’र ई

