भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
छाती माथै ऐ धोरा बाबा / सांवर दइया
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:15, 15 अक्टूबर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आ सदी मिजळी मरै /...' के साथ नया पन्ना बनाया)
छाती माथै ऐ धोरा बाबा
रैवां अबै किंयां सोरा बाबा
एक दिन री तो आ बात कोनी
नित रा ऐ लंघण दोरा बाबा
पोथां रो मूळ है आखर ढाई
आं बिना मन-कागद कोरा बाबा
सांस-सांस रो सगपण हुवै किंयां
अजै अठै काळा-गोरा बाबा
सगळा ठाठ अठै ई रह जासी
कुण ले जासी ऐ बोरा बाबा

