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साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धार / भूषण

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साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धार ,

सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत है .


भूषण भनत नाद इहद नगारन के ,

नदी-नद मद गैबरन के रलत है .


ऐल-बैल खैल-भैल खलक में गैल गैल,

गजन की ठैल –पैल सेल उसलत है .


तारा सो तरनि धूरि-धारा में लगत जिमि,

थारा पर पारा पारावार यों हलत है .