भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मोतिया का बिरझै दुलेरूआ / बघेली
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:11, 16 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बघेली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatBag...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मोतिया का बिरझै दुलेरूआ आजी हीरा मोती लेबइ हो
आजा उनके धई झिकझोरइ आजी हृरदइ लगाबई हो
आवा ललन मोरी कनिया मैं हीरा मोती देइहौं हो
मोतिया का बिरझे दुलेरूआ माया हीरा मोती लेबइ हो
बाबू उनके धई झिकझोरइ माया हृरदइ लगावई हो
आवा ललन मोरी कनिया तौ हीरा मोती देबई हो
मोतिया का बिरझे दुलेरूआ आजी हीरा मोती लेबई हो
काका उनके धई झिकझोरइ माया हृरदइ लगावई हो
आवा ललन मोरी कनिया तो हीरा मोती देबइ हो।

