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नीले आसमान की ओर / तेजी ग्रोवर

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नीले आसमान की ओर लग़ातार देखते रहने से भी अधैर्य
का रंग अभी गया नहीं है। कुछ समय के लिए उसमें
आसमान का रंग उतर आया है और इस तरह जलहीन
एक लहर की सतह में ही मन की डूब हो गई है। सतह
‘पर’ भी कहा जा सकता है हालाँकि ‘पर’ को डूबने के
लिए कभी पर्याप्त नहीं माना गया है।



वह गर्दन जो साँझ के मोर में इस क़दर नीली है — नीले
के नाम से कुछ भी नीला नहीं है। मैं जितना डरती हूँ
अकेले में नीचे पानी तक उतरने में, उतना ही नीला है
आकाश। वह नीली रेत में मुझे सुलाता है, नीले पानी के
पास जो कभी नीला था। मैंने अभी ठीक से रोना शुरू
नहीं किया जैसे शिशु सिर्फ़ अपने लिए? वे हमेशा मोर
हैं, साँझ की दीवार से नींद के दरख़्त ताकते हुए जो इस
समय मेरे सामने अक़्स की तरह विशुद्ध हैं। और यह सच
है कि मुझे और कुछ भी दिखाई नहीं देता।