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अटारी / एज़रा पाउंड / सुरेश सलिल

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आओ, हम तरस खाएँ उन पर, बेहतर हैं हमसे जो ।
आओ, दोस्तो ! और याद रहे
           कि दौलतमन्दों के पास बटलर हैं ; दोस्त नहीं
           और हमारे पास दोस्त हैं, बटलर नहीं ।
आओ, हम शादीशुदा और ग़ैर शादीशुदा लोगों पर तरस खाएँ ।

भोर अपने नन्हें - नन्हें पैरों के साथ दाख़िल हो रही है
किसी सुनहरी पावलवा की भाँति,
और मैं अपनी मुँहमाँगी मुराद के अनक़रीब हूँ ।
ज़िन्दगी की अण्टी में है भी नहीं
साथ - साथ जागने के
         इस तर - ओ - ताज़ा वक़्त से बेहतर कुछ और ।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल

शब्द - अर्थ :
पावलवा — आन्ना पावलवा ( ) प्रसिद्ध रूसी बैले - नर्तकी।
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लीजिए, अब इसी कविता का मूल पाठ पढ़िए
              Ezra Pound