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- 12:46, 21 सितम्बर 2010 अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) "ज़माँ मकाँ थे मेरे सामने बिखरते हुए / मनचंदा बानी" सुरक्षित कर दिया [edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite) (इतिहास)
- 12:37, 21 सितम्बर 2010 अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ने ज़माँ मकाँ थे मेरे सामने बिखरते हुए / मनचंदा बानी पृष्ठ के 93647 अवतरण को स्वचालित रूप से परीक्षित चिन्हित किया

