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अगर आप कह दें मुहब्बत नहीं है / बाबा बैद्यनाथ झा

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अगर आप कह दें मुहब्बत नहीं है
मुझे आपसे कुछ शिकायत नहीं है

नहीं याद मुझको कभी आप करते
कहें आप यह भी हक़ीक़त नहीं है

रुलाऊँ किसी को बिना ही वज़ह के
रही ख़ानदानी विरासत नहीं है

करूँ काम ऐसे हँसे लोग मुझपर
कभी अक्ल देती इजाज़त नहीं है

पड़ोसी हमारे दुखी हों कभी भी
मदद ना करूँ यह शराफ़त नहीं है