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आँखों में वीरानी है / रोशन लाल 'रौशन'

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आँखों में वीरानी है
चेहरा रेगिस्तानी है

नेता भी मनमौजी है
संसद भी मनमानी है

दरिया-दरिया भेद खुला
मृग-तृष्णा का पानी है

सूरत-सीरत जो कुछ हो
सब जानी-पहचानी है

जीने में सौ ख़तरे हैं
मरने में आसानी है