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आजु दिगम्बर के संग गौरि / कमलानंद सिंह 'साहित्य सरोज'

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आजु दिगम्बर के संग गौरि सुअवसर पेन्हि मचावती घूमे ।
गावति हे फगुआ अरुनारे, ‘सरोज’ से नैन भरे मतवारे ॥
त्यों करतार बजाय के नाचत, शंकर मौज में मस्त ह्वै झूमे ।
दोऊ दुहून पें डारत रंग उमंग सों दोऊ दुहू मुख चूमे ॥