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आत्मन्‌ के गाए कुछ गीत (जाना) / प्रकाश

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आत्मन्‌ प्रत्येक समय में होता था
वह समयातीत भी होता था

आत्मन्‌ समय के शीश पर चहलक़दमी करता
दृश्य में दिखता रहता था

और अचानक अदृश्य हो जाता था !