भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आधुनिक हो गया है हत्यारा / नित्यानंद गायेन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बहुत आधुनिक हो गया है
हत्यारा।
उसने सीख ली है
नई तकनीक
अब वह हथियार से नहीं करता वार
नहीं मिलते उसके हाथों में
ख़ून के धब्बे
अब उसके इशारों पर हो जाते हैं
हज़ारों क़त्ल एक साथ।