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आपको तो है महज़ बढ़िया कहानी की तलाश / विनोद तिवारी

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आपको तो है महज़ बढ़िया कहानी की तलाश
और मेरी हर कथा को तर्जुमानी की तलाश

स्वर्ण का दानव सभी नदियाँ चुराकर ले गया
और हम करते रहे मरुथल में पानी की तलाश

बाढ़ पीड़ित लोग जिसकी आस में अटके रहे
वह सहायक कर रहा था राजधानी की तलाश

गूढ़ अर्थों से भरी सुविधापरस्तों की किताब
मेरे सहपाठी न कर सादा-बयानी की तलाश

आओ जड़ता को धकेलें गति प्रगति का चिन्ह है
दूर ठहरी गाड़ियों को है रवानी की तलाश